11.7.24 *5 Main Points from Today's Murli*💐 1. Now is the time to have the stage of deep silence, the stage of being bodiless. Practise being in this stage. Have a small leaflet printed explaining your aim and objective. We remove iron-aged, impure, corrupt human beings from limitless sorrow and take them to the golden-aged, pure, elevated world of limitless happiness. Iron age has criminalisation, whereas golden age, has civilisation. The drama won't allow anyone to become civilised (civil-eyed) very quickly. 2. To become complete…
संपूर्ण साकार और अव्यक्त मुरली शब्दकोश सिकीलधे = आत्मा परमात्मा अलग रहे बहुकाल तुम 5 हजार वर्ष बाद फिर आकर मिले हो ,इनको कहते हैं बेहद के सिकीलधे बच्चे।(सि न्धी शब्द) मनमनाभव = स्वयं को आत्मा समझ एक बाप परमपिताशिव को याद करना | मामेकम् = सिर्फ मुझ एक बाप/शिव को याद करो | अशरीरी =शरीर में रहते हुए शरीर से अलग/डिटैच/ भिन्न/बिना | आत्मभिमानी = देह में रहते अपने को आत्मा रूप में स्थिर रहना या अनुभव करना | कृष्णपुरी = सतयुग में श्री कृष्ण का राज्य | लौकिक = दुनियावी / सांसारिक रिश्ते /सम्बन्ध माया = 5 विकार( काम, क्रोध, मोह, लोभ और अहंकार )…
भगवान से फ़ोन पर बात ट्रिंग ट्रिंग 🇲🇰 हैल्लो ओम शांति 🙏 🇲🇰 कैसे हो ? 😀आनंद स्वरूप हूँ 🇲🇰 कब आये ? 🙂5000 वर्ष पहले | 🇲🇰 कहां थे इतने दिन ? 😒84 जन्म के फेरे लगा रहा था | 🇲🇰 घर की मेरी याद नहीं आई इतने दिन ? 😟क्या बताये...माया ने पकड़ लिया था, खुद को और घर को सब भूल गया था 🇲🇰 तब तो बुरी हालत हुई होंगी ? 🤨 हां ; क्रोध करता था सब पर ,कहाँ भी शांति नहीं थी. दुख देता था दुख लेता भी था. 🇲🇰 फिर ... 😔 फिर क्या बताये काम ने भी गुलाम बना दिया था, काम, क्रोध, लोभ, अहंकार, मोह आलस्य ये सब मिलके विकर्म करवाते थे. 🇲🇰 इतने दुखी परेशान ह…
मनमोहिनी दीदी जी की दिव्य विशेषताएं 🌺 परिचय 🌺 मनमोहिनी दीदी जी का लौकिक नाम गोपी था। आप एक बहुत ही नामीगिरामी धनाढ्य सिंधी परिवार से थी। यज्ञ की स्थापना के समय किसी की परवाह किए बिना अनेक बंधनों को तोड़ते हुए आप अपनी लौकिक मां क्वीन मदर और लौकिक बहन शील के साथ झाटकू रूप से समर्पित हो गई। आपमें अनेकानेक विशेषताएं थी। आपका बाबा से अटूट प्यार था। हर पल, हर बोल में बाबा बाबा ही निकलता था। आप दिलवाला की सच्ची दिलरुबा थी। दीदी को अव्यक्त नाम मिला मनमोहिनी। दीदी के सानिध्य में जो भी आत…
🦚🦚🦚 रात्री कहानी🦚🦚🦚 "भोजन और भजन" एक भिखारी सेठ के घर के बाहर खड़ा होकर भजन गा रहा था और बदले में खाने को रोटी मांग रहा था। सेठानी काफी देर से उसको कह रही थी,आ रही हूँ। रोटी हाथ मे थी पर फिर भी कह रही थी की रुको आ रही हूँ। भिखारी भजन गा रहा था और रोटी मांग रहा था। सेठ ये सब देख रहा था, पर समझ नही पा रहा था, आखिर सेठानी से बोला, "रोटी हाथ में लेकर खडी हो, वो बाहर मांग रहा है, उसे कह रही हो आ रही हूँ तो उसे रोटी क्यो नही दे रही हो ?" सेठानी बोली, "हाँ रोटी दूँगी, पर क्या …
प्रार्थना का xभाव🤲 एक संत जंगल से गुजरते हैं और एक आदमी को प्रार्थना करते देखते हैं,गड़रिया, गरीब आदमी,फटे चीथड़े पहने हुए,भगवान से प्रार्थना कर रहा है,महीनों से नहाया नहीं होगा,ऐसी दुर्गन्ध आ रही है ! ऐसा आदमी नहीं देखा,वो भगवान से कह रहा है-हे भगवान !तू एक दफ़े मुझे बुला ले,ऐसी तेरी सेवा करूँगा कि तू भी खुश हो जाएगा,पाँव दबाने में मेरा कोई सानी नहीं,पैर तो मैं ऐसे दबाता हूँ,तेरा भी दिल बाग-बाग हो जाए और तुझे घिस-घिस के नहलाऊँगा और तेरे सिर में जुएँ पड़ गए होंगे तो उनको भी सफाई कर दूँगा संत तो बर्दाश्त के बाहर हो …
_*06-05-2020 प्रात:मुरलीओम् शान्ति"बापदादा"' मधुबन*_ _*“मीठे बच्चे - अपने आपको देखो मैं फूल बना हूँ, देह-अहंकार में आकर कांटा तो नहीं बनता हूँ? बाप आया है तुम्हें कांटे से फूल बनाने”*_ _*प्रश्नः-*_ किस निश्चय के आधार पर बाप से अटूट प्यार रह सकता है? _*उत्तर:-*_ पहले अपने को आत्मा निश्चय करो तो बाप से प्यार रहेगा। यह भी अटूट निश्चय चाहिए कि निराकार बाप इस भागीरथ पर विराजमान है। वह हमें इनके द्वारा पढ़ा रहे हैं। जब यह निश्चय टूटता है तो प्यार कम हो जाता है। _*ओम् शान्ति।*_ कांटे से फूल बनाने वाले भगवानुवाच अथवा बागवा…
Shiv baba BK HD Wallpapers
Read more
Social Plugin